केंद्रीय वित्त आयोग ने उद्योग और व्यापारिक निकायों के साथ चर्चा की

Finance Commission Gathers Industry Input in Pithampur, Indore
The 16th Central Finance Commission engaged with industry and trade organizations at Pithampur's Special Economic Zone. IPPF President Mr. Sachin Bansal contributed valuable suggestions regarding the plastic industry during the session.

मप्र के औद्योगिक विकास पर हुई गहन बातचीत

इंदौर। सोलहवें केंद्रीय वित्त आयोग ने पीथमपुर स्थित निर्यात भवन में उद्योग और व्यापार संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक में औद्योगिक विकास और आर्थिक सहयोग से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक में आयोग की सदस्य श्रीमती एनी जॉर्ज मैथ्यू, डॉ. मनोज पांडा, डॉ. सौम्या कांति घोष, आयोग के सचिव श्री ऋत्विक पांडे, संयुक्त सचिव श्री के.के. मिश्रा, कमिश्नर श्री दीपक सिंह और कलेक्टर श्री प्रियंक मिश्रा भी मौजूद थे।


औद्योगिक विकास के लिए नई संभावनाएं

मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम (एमपीआईडीसी) के प्रबंध निदेशक श्री चंद्रमौली शुक्ला ने राज्य की औद्योगिक प्रोत्साहन नीति के बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि इस नीति में निजी क्षेत्र के लिए व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने आशा जताई कि इस बैठक से मध्यप्रदेश के औद्योगिक विकास को नई दिशा मिलेगी और उद्योग जगत की मांगों को केंद्र सरकार तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।

वित्त आयोग की सदस्य श्रीमती एनी जॉर्ज मैथ्यू ने कहा कि उद्योग जगत के प्रतिनिधियों द्वारा दिए गए सभी सुझावों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।



उद्योग जगत की मुख्य मांगें

बैठक में विभिन्न औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने आयोग के समक्ष कई महत्वपूर्ण सुझाव रखे। इनमें एयर कार्गो हब और एयरोप्लेन मेंटेनेंस हब की स्थापना, महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए स्किल डेवलपमेंट सेंटर, डेटा सेंटर और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क की आवश्यकता जैसे मुद्दे शामिल थे।

प्लास्टिक एवं पैकेजिंग उद्योग संगठन (इंडियन प्लास्ट पैक फोरम) के अध्यक्ष श्री सचिन बंसल ने प्लास्टिक रिसाइक्लिंग और बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक निर्माण के लिए नए स्किल सेंटर और फंडिंग की मांग की। साथ ही, उन्होंने औद्योगिक विकास को गति देने के लिए रेलवे कनेक्टिविटी में सुधार, रियल एस्टेट उद्योग को समर्थन, टेक्सटाइल इंडस्ट्री की जरूरतों पर विशेष ध्यान, और पर्यटन क्षेत्र को मजबूत करने के लिए बेहतर अधोसंरचना की आवश्यकता पर जोर दिया।

छोटे उद्योगों और अन्य क्षेत्रों के लिए समर्थन
प्रतिनिधियों ने छोटे उद्योगों के विकास के लिए अधिक योजनाओं की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। मध्यप्रदेश के आदिवासी और वन क्षेत्र होने के कारण केंद्र सरकार से अतिरिक्त समर्थन की मांग की गई। साथ ही, कृषि और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को बढ़ावा देने की आवश्यकता भी रेखांकित की गई।

ऑटोमोबाइल उद्योग के प्रतिनिधियों ने नए निवेश और आधुनिकीकरण की आवश्यकता बताई, साथ ही अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) क्षेत्र में बढ़ती लागत के लिए समर्थन की मांग की।

बैठक में शामिल प्रमुख व्यक्ति
इस बैठक में कई प्रमुख औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए, जिनमें श्री गौतम कोठारी (पीथमपुर औद्योगिक संगठन), श्री श्रेयस्कर चौधरी (एमपी टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन), श्री आदित्य श्रीवास्तव (व्हीईसीव्ही ऑटोमोबाइल), श्री आशीष जिटेशी (सिप्ला लिमिटेड), श्री अविनाश सेठी (इंफोबीन्स लिमिटेड), श्री सुमित सूरी (इंदौर होटल एसोसिएशन), श्री योगेश मेहता (एआईएमपी), श्री संदीप जैन (जयदीप इस्पात), श्री सुमित मंत्री और श्री संदीप श्रीवास्तव (क्रेडाई), श्री दिनेश मिश्रा (एसआरएफ लिमिटेड), श्री अक्षत चोरड़िया (सीआईआई मालवा), और सुश्री केमिषा सोनी (आईसीएआई) शामिल थे।

इस बैठक के माध्यम से उद्योग जगत और सरकार के बीच एक मजबूत संवाद स्थापित हुआ, जिससे मध्यप्रदेश के औद्योगिक विकास को नई गति मिलने की उम्मीद है।



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